गणित में संख्याओं का महत्व प्रश्न हल करने के लिए सर्वाधिक है. Bhajya Sankhya वैसी संख्याएँ होती है जिसकी दो से अधिक गुणनखंड होती है. अर्थात, किसी संख्या का गुणनखंड 1 और स्वयं के अतिरिक्त भी हो, उसे भाज्य संख्या के रूप परिभाषित किया जाता है. जैसे; 2 का गुणनखंड 1 और 2 है. इसलिए यह अभाज्य संख्या है जबकि 4 का गुणनखंड 1, 2 और 4 है. इसलिए, यह भाज्य संख्या है.
अभाज्य और भाज्य संख्या को गुणनखंड के अनुसार प्राप्त किया जाता है. केवल दो गुणनखंड वाले संख्या को अभाज्य तथा दो से अधिक गुणनखंड वाले संख्या को Bhajya Sankhya कहा जाता है. संख्या पद्धति के सबसे महत्वपूर्ण संख्याओं में से एक भाज्य संख्या है. क्योंकि इसका प्रयोग क्लास 9 से लेकर क्लास 12 तक अत्यधिक मात्रा में होता है. इसलिए, इसका महत्व अधिक होता है.
भाज्य संख्या किसे कहते है? | Bhajya Sankhya ki Paribhasha
वैसे धनात्मक पूर्णांक जिसका दो से अधिक गुणनखंड हो, अर्थात, वैसी संख्या जिसमे 1 के अतिरिक्त दो अन्य भाजक हो, उसे भाज्य संख्या कहते है. ऐसी संख्याओं में हमेशा 2 से अधिक अपवर्तक होते है. जैसे; 4, 6, 8 ….. आदि.
दुसरें शब्दों में, भाज्य संख्या की परिभाषा: वे सभी प्राकृत संख्याएँ जो अभाज्य संख्या नहीं हैं, उसे भाज्य संख्या कहा जाता है. अर्ताथ, जो अभाज्य नही होंगे, उन्हें दो से अधिक संख्याओं से विभाजित किया जा सकता है. इसलिए, वे भाज्य संख्या है.
जैसे; 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 15, ……आदि.
भाज्य संख्या की परिभाषा याद करने के उदेश्य से दिया गया तथ्य इस प्रकार है. कोई भी संख्या जो 2 से बड़ी हो, लेकिन अभाज्य नही हो, वह भाज्य संख्या कहलाती है.
भाज्य संख्या कैसे निकालें?
वे सभी धनात्मक पूर्णांक संख्याएँ भाज्य संख्या होती है, यदि उनका दो से अधिक Factor यानि गुणनखंड हो. केवल धनात्मक पूर्ण संख्या, धनात्मक पूर्णांक आदि भाज्य होते है.
असान शब्दों में, 3 या तीन से अधिक गुणनखंड वाले धनात्मक संख्या को भाज्य संख्या कहते है. जैसे;
- 18 ÷ 1 = 18
- =>18 ÷ 2 = 9
- 18 ÷ 3 = 6
- =>18 ÷ 9 = 2
- 18 ÷ 18 = 1
यहाँ 18 का गुणनखंड 18, 9, 6, 2, और 1 है जो तीन से अधिक है. अर्थात, यह भाज्य संख्या है.
भाज्य संख्या के प्रकार
गणितीय संख्याओं में भाज्य संख्या को बनावट एवं उपयोग के आधार पर मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया गया है. इसका महत्व संख्याओं को चिन्हित कनरे के लिए अधिक होता है.
- सम भाज्य संख्या
- विषम भाज्य संख्या
सम भाज्य संख्या
वैसी धनात्मक भाज्य संख्याएँ सम भाज्य कहलाती है जो पूरी तरह दो से विभाजित हो जाए. अर्थात, वह भाज्य संख्या जो पुर्णतः 2 से विभक्त हो जाए. जैसे 4, 6, 10, 16, 50 आदि. ये पुर्णतः विभक्त हो जाते है.
विषम भाज्य संख्या
वे सभी विषम धनात्मक पूर्णांक जो अभाज्य संख्या नही है. अर्ताथ वह भाज्य संख्या जो पूरी तरह 2 से विभक्त न हो, उसे विषम भाज्य संख्या कहते है. जैसे, 9, 15, 21, 25 आदि.
- सबसे छोटी विषम भाज्य संख्या 9 होती है.
भाज्य संख्या का गुण
- ये संख्याएँ केवल और केवल धनात्मक संख्या होती है.
- भाज्य संख्या, धनात्मक पूर्णांक, पूर्ण, प्राकृत संख्या आदि हो सकती है.
- दो से अधिक गुणनखंड वाले संख्या को ही भाज्य संख्या के रूप में परिभाषित किया जा सकता है.
- भाज्य संख्या विषम और सम हो सकता है.
- कोई भी धनात्मक पूर्णांक संख्या भाज्य या अभाज्य संख्या होती है. क्योंकि ये दोनों एक दुसरें के पूरक होती है.
- 2 भाज्य संख्या नही है.
- सबसे होती भाज्य संख्या 4 होती है.
1 से 10 तक भाज्य संख्या
4 | 6 | 8 | 9 | 10 | 12 | 14 | 15 | 16 | 18 |
20 | 21 | 22 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 30 | 32 |
33 | 34 | 35 | 36 | 38 | 39 | 40 | 42 | 44 | 45 |
46 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 54 | 55 | 56 | 57 |
58 | 60 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 68 | 69 | 70 |
72 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 80 | 81 | 82 | 84 |
85 | 86 | 87 | 88 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 |
96 | 98 | 99 | 100 | 102 | 104 | 105 | 106 | 108 | 110 |
अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्न FAQs
Q. भाज्य संख्या क्या है?
उत्तर:- ऐसी संख्याएँ जो 1 और स्वयं के अतिरिक्त किसी भी दूसरी संख्या से विभाज्य हो जाएं, उसे भाज्य संख्या कहते है. इसे समग्र संख्या भी कहा जाता है. जैसे; 4, 6, 8, 9, 10, 12, 14, 15, …… आदि.
Q. सबसे छोटी भाज्य संख्या कौन-सी है?
उत्तर:- 4 सबसे छोटी भाज्य संख्या है. कारण; 1 अभाज्य संख्या नही है. लेकिन 2 और 3 का गुणनखंड 1, 2 और 1, 3 है. इसलिए, यह अभाज्य संख्या है लेकिन भाज्य नही है. और वही 4 का गुणनखंड 1, 2 और 4 है. अर्थात, दो से अधिक गुणनखंड है. इसलिए, यह भाज्य संख्या है.
Q. 1 और 10 के बीच कितने भाज्य संख्याएँ हैं?
उत्तर:- सामान्यतः 1 और 10 के बिच 5 भाज्य संख्याएँ है. जैसे; 4, 6, 8, और 10.
Q. क्या 2 भाज्य संख्या है?
उत्तर:- नही, 2 Bhajya Sankhya नही है. क्योंकि इसका गुणनखंड केवल 1 और 2 है. जबकि भाज्य होने के लिए संख्या का गुणनखंड दो से अधिक होने चाहिए.
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