Purnank Sankhya गणितीय संख्या पद्धति का एक अभिन्न अंग है जो संख्याओं को अलग-अलग भाग में व्यक्त करता है. जैसे, धनात्मक पूर्णांक, ऋणात्मक पूर्णांक, शून्य पूर्णांक आदि. अन्य सभी संख्या पूर्णांक संख्या का एक शाखा है जो इससे परिभाषित होता है. अर्थात, Integers in Hindi धनात्मक, ऋणात्मक आदि हो सकता है, लेकिन भिन्न नही हो सकता है.
इस संख्या का उपयोग विभिन्न अंकगणितीय कार्यों जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भाग आदि को करने के लिए किया जाता है. मुख्य रूप से, इस टॉपिक पर कम्पटीशन एग्जाम में प्रश्न भी पूछे जाते है. इसलिए, पूर्णांक संख्या का अध्ययन आवश्यक है.
परिभाषा: पूर्णांक संख्या किसे कहते है?
पूर्ण संख्याओ के समूह में ऋणात्मक संख्याओं को सम्मिलित करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती है, उसे पूर्णाक संख्या करते है. अर्ताथ, संख्या पद्धति के पूर्ण संख्याओं और ऋणात्मक संख्याओं के एक सम्मिलित रूप को “Purnank Sankhya” जाता है.
दुसरें शब्दों में, प्राकृत संख्याओं के समूह में शून्य और ऋणात्मक संख्याओं को सामिल करने पर जो संख्या बनती है वह पूर्णांक संख्या कहलाती हैं.
वैसे पूर्णांक लैटिन भाषा के शब्द “इंटेगर” से उत्पन्न हुआ है जिसका शाब्दिक अर्थ है सम्पूर्ण. यह पूर्ण संख्याओं का एक विशेष समूह है जिसमें शून्य, धनात्मक संख्या और ऋणात्मक संख्याएँ शामिल होती हैं.
जैसे; ….., -7, -6, -5, -4, -3, -2, -1 ,0,1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, ……
लाभ और हानि फार्मूला | अलजेब्रा फार्मूला चार्ट |
घन और घनमूल फार्मूला | चाल, समय और दुरी फार्मूला |
बहुपद के सूत्र | चक्रवृद्धि ब्याज फार्मूला |
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पूर्णांक संख्या के प्रकार
आवश्यकता एवं प्रयोग को ध्यान में रखते हुए गणितज्ञों ने पूर्णांक को मुख्यतः तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित किया है. जो इसके अलग-अलग रूप को परिभाषित करते है.
- शून्य पूर्णांक
- धनात्मक पूर्णांक
- ऋणात्मक पूर्णांक
शून्य पूर्णांक – Zero Intergers
प्रयोग के अनुसार, शून्य को पूर्णांक संख्या का एक अंग माना जाता है. शून्य (0) न तो धनात्मक और न ही ऋणात्मक Purnank Sankhya है. इस श्रेणी का प्रयोग अधिकतर क्लास 11th, 12th और कम्पटीशन एग्जाम में होता है.
धनात्मक पूर्णांक
यह संख्या मुख्यतः प्राकृत संख्या होती है क्योंकि, इसमें न हो तो शून्य और न ही ऋणात्मक होता है. इसे Counting Number यानि गिनती भी कहा जाता है क्योंकि यह एक प्रकार का गिनती ही होता है जो अनंत तक विधमान होता है. धनात्मक पूर्णांक को संख्या रेखा पर दाई तरफ अंकित किया जाता है और इसे Z+ से सूचित किया जाता है. जैसे;
Z+ = 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, ……..
ऋणात्मक पूर्णांक
ऐसी Purnank Sankhya जो सामान्यतः शून्य से कम हो, उसे ऋणात्मक पूर्णांक कहते है. अर्थात, ऋणात्मक पूर्णांक प्राकृत संख्या का रिनात्मक रूप है जिसे Z – द्वारा सूचित किया जाता है. यह संख्या रेखा पर शून्य के बायीं तरफ विधमान होती है. जैसे;
Z– = -1, -2, -3, -4, -5, -6, -7, -8, -9, -10
अवश्य पढ़े, वर्ग और वर्गमूल के नियम
पूर्णांक संख्या का नियम | Rules of Integers
- दो ऋणात्मक पूर्णांकों का उत्पाद पूर्णांक होता है.
- पूर्णांक का योग और इसका व्युत्क्रम शून्य के बराबर होता है.
- दो धनात्मक पूर्णांक का गुणन एक पूर्णांक होता है.
- किसी पूर्णांक और उसके व्युत्क्रम का गुणनफल 1 के बराबर होता है.
- दो धनात्मक पूर्णांक का योग पूर्णांक होता है
- दो ऋणात्मक पूर्णांकों का योग पूर्णांक होता है.
- सभी प्राकृत संख्या पूर्णांक है.
- सभी पूर्ण संख्या पूर्णांक है.
पूर्णांकों के जोड़, घटाव, गुना एवं भाग भाग का रूल्स
गणित में संख्या का कैलकुलेशन करना उतना सरल नही जितना हम समझते है. गणना करने के लिए एक विशेष नियम होता है जिसका द्वारा इसे संपन्न किया जाता है जो इस प्रकार है.
पूर्णांकों के योग का नियम
- (–) + (–) = (+)
- (+) + (+) = (+)
- (–) + (+) = (–)
- (+) + (–) = (–)
पूर्णांकों के घटाव का नियम
- (–) – (–) = (–)
- (+) – (+) = (–)
- (–) – (+) = (+)
- (+) – (–) = (+)
पूर्णांकों के गुणनफल का नियम
- (–) × (–) = (+)
- (+) × (+) = (+)
- (–) × (+) = (–)
- (+) × (–) = (–)
पूर्णांकों के भागफल का नियम
- (–) ÷ (–) = (+)
- (+) ÷ (+) = (+)
- (–) ÷ (+) = (–)
- (+) ÷ (–) = (–)
Note:- ऊपर दिए गए सभी नियम संख्याओं का गणना करने के लिए आवश्यक है. हालांकि, यह मैथ्स की प्रथम इकाई है लेकिन इसके विषय में अधिक जानकारी न होने के कारण बहुत सारे प्रश्न गलत हो जाते है. अतः गणित की सामान्य अवधारणा स्मरण रखे.
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पूर्णांक कौन-कौन से है?
गणित में विभिन्न प्रकार के नंबर्स यानि संख्याएँ है जो पूर्णांक संख्या के अंतर्गत आते है, जो इस प्रकार है.
- प्राकृत संख्या
- पूर्ण संख्या
- परिमेय संख्या
- अपरिमेय संख्या
- सम संख्या
- विषम संख्या
- अभाज्य संख्या, आदि.
पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न: FAQs
1. सबसे बड़ी पूर्णांक संख्या कौन-सी है?
उत्तर:- चूँकि, पूर्णांक ऋणात्मक और धनात्मक दोनों होती है और अनंत तक जाती है. इसलिए, सबसे बड़ी पूर्णांक संख्या ज्ञात करना संभव नही है.
2. सबसे बड़ी ऋणात्मक पूर्णांक संख्या कौन सी है?
उत्तर:- वास्तव में, शून्य प्रत्येक ऋणात्मक पूर्णांक से बड़ा होता है. क्योंकि शून्य न तो ऋणात्मक है और न ही धनात्मक पूर्णांक है. यह एक शून्य पूर्णांक है. लेकिन, शून्य सबसे बड़ी ऋणात्मक पूर्णांक संख्या है.
3. पूर्णांक संख्या क्या है?
उत्तर:- सभी धनात्मक एवं ऋणात्मक संख्याओं के साथ-साथ शून्य के समूह को पूर्णांक संख्या कहते हैं. इसे मुख्यतः Z से सूचित करते है. जैसे; Z = …… -3, -2, -1 ,0,1, 2, 3 ……
4. धनात्मक पूर्णांक किसे कहते हैं?
उत्तर:- 1, 2, 3, 4, 5, …… आदि संख्याओं को धनात्मक पूर्णांक संख्या कहते है. यह मुख्यतः संख्या रेखा पर शून्य के दायी तरफ स्थिर होते है.
5. पूर्णांक कितने प्रकार के होते है?
उत्तर:- पूर्णांक मुख्यतः तीन प्रकार के होते है. शून्य, धनात्मक और ऋणात्मक पूर्णांक.