15 अगस्त भारत वर्ष का सबसे खुबसूरत एवं सुखद त्योहारों में से एक है. यह त्योहार भारत की आजादी की प्रतिक है जिसे सम्पूर्ण भारतवासी अंग्रेजों के जुल्मों से आजाद होने की खुशी में बड़े हर्सोल्लास से मनाते है. प्रत्येक भारतवासी इस पावन दिन का इन्तेजार बड़े स्नेहभाव से करते है ताकि वे अपने स्वतंत्रता सेनानियों की श्रधांजलि भावपूर्ण अर्पण कर सके.
15 अगस्त का दिन प्रत्येक भारतवासी को एक अवसर प्रदान करता है जिससे वे अपने देश की स्वतंत्रता, एकता, अखंडता, विविधता को विशेष स्थिति में प्रदर्शित कर सके. ये भावनाएं 15 अगस्त कविता में छिपी है जिसे 15 अगस्त कविता के रचनाकार ने इसे भावपूर्ण लिखा है.
हमारे शूरवीरों के त्याग, बलिदान, संघर्ष एवं समर्पणों को व्यर्थ न जाने देने के लिए यानि उनके यादों का गुणगान के लिए इस दिन का उपयोग विशेष रूप से करते है ताकि उनकी स्मृतियाँ हमारे जहन में युगों-युगों तक बनी रहे और हम अपनी आजादी की कीमत कभी न भूलें.
5 + प्रसिद्ध 15 अगस्त पर कविताएँ
15 अगस्त पर कविताओं का एक समूह यहाँ दिया गया है जो स्वतंत्रता का मकसद दर्शाता है साथ ही अपने सेनानियों को खूबसूरती से अपने सर्वोच्च सम्मान प्रदान करने का मकसद भी प्रदान करता है.
आजादी के लम्हों को ध्यान में रखकर रचनाकार 15 August पर कुछ विशेष कविताएँ लिखे है जो हमें आजादी के कीमत एवं आजाद होने का अर्थ समझाती है. 15 अगस्त पर कविताएँ देशभक्ति जागृत करने एवं आजादी का अहसास कराने का सर्वोत्तम माध्यम है.
प्रस्तुत है 15 अगस्त कविता के खुबसूरत लब्ज जो इस पावन त्यौहार को और गौरवपूर्ण बनाने में अनोखा विश्वास पैदा करता है. जिसे हम भारतीय कभी भी भूलना नही चाहेंगे.
अपना देश स्वतंत्र हुआ – स्वतंत्रता पर कविता
आपसी कलह के कारण से, वर्षों पहले परतंत्र हुआ।
पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस, को अपना देश स्वतंत्र हुआ।।
उन वीरों को हम नमन करें, जिनने अपनी कुरबानी दी।
निज प्राणों की परवाह न कर, भारत को नई रवानी दी।।
उन माताओं को याद करें, जिनने अपने प्रिय लाल दिए।
मस्तक मां का ऊंचा करने, को उनने बड़े कमाल किए।।
बिस्मिल, सुभाष, तात्या टोपे, आजाद, भगत सिंह दीवाने।
सिर कफन बांधकर चलते थे, आजादी के यह परवाने।।
देश आजाद कराने को जब, पहना केसरिया बाना।
तिलक लगा बहनें बोली, भैया, विजयी होकर आना।।
माताएं बोल रही बेटा, बन सिंह कूदना तुम रण में।
साहस व शौर्य-पराक्रम से, मार भगाना क्षणभर में।।
दुश्मन को धूल चटा करके, वीरों ने ध्वज फहराया था।
जांबाजी से पा विजयश्री, भारत आजाद कराया था।।
स्वर्णिम इतिहास लिए आया, यह गौरवशाली दिवस आज।
श्रद्धा से नमन कर रहा है, भारत का यह सारा समाज।।
जय हिन्द हमारे वीरों का, सबसे सशक्त शुभ मंत्र हुआ।
पन्द्रह अगस्त सन् सैंतालीस, को अपना देश स्वतंत्र हुआ।।
Author – रामकिशोर शुक्ल
आजाद देश पर कविता | 15 अगस्त कविता
हम बच्चे आजाद देश के, ऐसा कुछ कर जायेंगे।
हमें भी लोग युगो युगो तक याद रख पाएंगे।।
जन्म लिया इस पावन धरती पर।
इस धरती का कर्ज चुकाएंगे।।
नया प्रकाश नयी रौशनी चारों और फैलाएंगे।
हम बच्चे आजाद देश के, स्वतंत्र भारत में हमने जन्म लिया।।
नहीं भूले हम क़ुरबानी जिन्होंने हमें आजाद किया।
उनकी क़ुरबानी व्यर्थ जाने न देंगे।।
हर सपना साकार कर दिखाएंगे।
भर्ष्टाचार, गरीबी को मिटा कर।।
देश को तरक्की की राग पर ले जायेंगे।
जाति-पाति का बंधन तोड़कर भेद भाव का फर्क मिटायेंगे।।
Author – Unknown
15 अगस्त कविता – अशफाकउल्ला खां
कस ली है कमर अब तो, कुछ करके दिखाएंगे।
आजाद ही हो लेंगे, या सर ही कटा देंगे।।
हटने के नहीं पीछे, डरकर कभी जुल्मों से ।
तुम हाथ उठाओगे, हम पैर बढ़ा देंगे ।।
बेशस्त्र नहीं हैं हम, बल है हमें चरख़े का।
चरख़े से ज़मीं को हम, ता चर्ख़ गुंजा देंगे ।।
परवाह नहीं कुछ दम की, ग़म की नहीं, मातम की।
है जान हथेली पर, एक दम में गंवा देंगे ।।
उफ़ तक भी जुबां से हम हरगिज़ न निकालेंगे ।
तलवार उठाओ तुम, हम सर को झुका देंगे ।।
सीखा है नया हमने लड़ने का यह तरीका ।
चलवाओ गन मशीनें, हम सीना अड़ा देंगे ।।
दिलवाओ हमें फांसी, ऐलान से कहते हैं ।
ख़ूं से ही हम शहीदों के, फ़ौज बना देंगे ।।
मुसाफ़िर जो अंडमान के, तूने बनाए, ज़ालिम ।
आज़ाद ही होने पर, हम उनको बुला लेंगे।।
Author- अशफाकउल्ला खां
झंडा ऊँचा रहे हमारा – कविता
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा ।
सदा शक्ति बरसाने वाला, प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हर्षाने वाला, मातृभूमि का तन-मन सारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
स्वतंत्रता के भीषण रण में, लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में।
काँपे शत्रु देखकर मन में, मिट जाये भय संकट सारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
इस झंडे के नीचे निर्भय, हो स्वराज जनता का निश्चय।
बोलो भारत माता की जय, स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
आओ प्यारे वीरों आओ, देश-जाति पर बलि-बलि जाओ।
एक साथ सब मिलकर गाओ, प्यारा भारत देश हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
इसकी शान न जाने पावे, चाहे जान भले ही जावे।
विश्व-विजय करके दिखलावे, तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा
झंडा ऊँचा रहे हमारा ।।
Author – श्यामलाल गुप्त पार्षद
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा – कविता
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा।।
ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में।
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा।।
परबत वो सबसे ऊँचा, हमसाया आसमाँ का।
वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा।।
गोदी में खेलती हैं, जिसकी हज़ारों नदियाँ।
गुलशन है जिसके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा।।
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा, वो दिन है याद तुझको।
उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा।।
मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना।
हिन्दी हैं हम, वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा।।
सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा।
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलिस्ताँ हमारा।।
Author – मुहम्मद इक़बाल
अवश्य पढ़े,
निष्कर्ष
15 अगस्त भारतीयों की शान है और वे इस दिन सम्मानपूर्वक अपने स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर उनके द्वारा दी गए बलिदोनों को श्रद्धापूर्वक श्रधांजलि अर्पित करते है. उम्मीद करता हूँ Poem on 15 August in Hindi आपको संसंद आया होगा. 15 अगस्त पर कविता के माध्यम से आप भी बोले “सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा”

मैं दिशा शर्मा Focusonlearn.com पर हिंदी कंटेंट राइटर हूँ. मुझे सरकारी योजना, कोर्स एवं स्कालरशिप पर हिंदी में पोस्ट लिखना पसंद है. इस प्लेटफार्म के माध्यम से शिक्षा एवं सरकारी योजना से सम्बंधित जानकारी और स्टेप आपको प्रदान किया जाएगा, जिसका उपयोग दैनिक जीवन में कर सकते है.