पाइथागोरस प्रमेय ज्यामितिय शाखा का सबसे महत्वपूर्ण भाग है. इसका प्रयोग समकोण त्रिभुज की भुजाओं के बिच के सम्बन्ध की व्याख्या करने के लिए किया जाता है. इसलिए, इसे कभी-कभी पाइथागोरस प्रमेय भी कहा जाता है. Pythagoras Theorem in Hindi के अनुसार कर्ण का वर्ग त्रिभुज की अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है.
समकोण त्रिभुज की भुजाओं की लम्बाई और कोण की माप को व्यक्त करने के लिए Pythagoras Theorem का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है. इस प्रमेय के प्रयोग से आधार, लंब और कर्ण का सूत्र प्राप्त होता है.
सामान्यतः पाइथागोरस प्रमेय को ही बौधायन प्रमेय कहा जाता है जो यूक्लिडीय ज्यामिति में किसी समकोण त्रिभुज के तीनों भुजाओं के बीच एक सम्बन्ध व्यक्त करता है.
इस पोस्ट में, Pythagoras Theorem in Hindi को Prove करना, प्रशों को हल करना, दैनिक जीवन में इसका प्रयोग करना आदि सीखेंगे जो class 10 के लिए आवश्यक है.
पाइथागोरस थ्योरम क्या है?
Pythagoras Theorem के अनुसार “एक समकोण त्रिभुज में, कर्ण का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है”. इस त्रिभुज की भुजाओं को लंब, आधार और कर्ण नाम दिया गया है. इस प्रमेय का खोज ग्रीक Mathematician पाइथागोरस ने किया था.
कर्ण त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा है, क्योंकि यह कोण 90° का कोण बनाती है. अन्य दो भुजाएँ आधार और लम्ब होती है. एक समकोण त्रिभुज की भुजाएँ (a, b और c) जिनमें धनात्मक मान होते हैं, जब उनका वर्ग किया जाता है, तो उन्हें एक समीकरण यानि (कर्ण)2 = (आधार)2 + (लम्ब)2 में व्यक्त किया जाता है, जिसे पाइथागोरस ट्रिपल भी कहा जाता है.
पाइथागोरस प्रमेय का सूत्र

दिए गए समकोण त्रिभुज आकृति में
AC कर्ण है
BC आधार है तथा
AB त्रिभुज का लम्ब है.
त्रिभुज ABC में,
(BC)2 + (AB)2 = (AC)2
अर्थात, (कर्ण)2 = (आधार)2 + (लम्ब)2
कर्ण: 90° के सामने वाली भुजा को समकोण कहा जाता है.
लम्ब: वैसी भुजा जो आधार के साथ 90 डिग्री का कोण बनाती हैं, उसे लम्ब कहा जाता है.
आधार: समकोण त्रिभुज में शेष भुजा को आधार कहा जाता है.
पाइथागोरस प्रमेय सिद्ध करें
एक समकोण त्रिभुज में, कर्ण का वर्ग त्रिभुज के अन्य दो पक्षों के वर्गों के योग के बराबर होता है.
अर्थात, सिद्ध करना है : AB² + BC² = AC²
Proof:
एक सीधा रेखा AD खीचा, जो D पर BC से मिलती है.

हम जानते हैं कि यदि एक समकोण त्रिभुज के कर्ण से समकोण की ओर से एक रेखा खींचा जाता है, तो लम्बवत् के दोनों किनारों पर दो त्रिभुज एक दूसरे के समान होते हैं.
△ADB ~ △ABC = 90o
Angle A = Angle A
दोनों त्रिभुजों में कोण A common है
AA Similarity के नियम,
जब दो त्रिभुज एक समान होती हैं, तो उनकी corresponding sides का अनुपात भी बराबर होता है. इसलिए,
AD / AB = AB / AC
AB × AB = AD × AC
(AB)2 = AD × AC ———– (1)
त्रिभुज BDC और ABC में,
△ BDC ~ △ABC = 90o , इसलिए
CD / BC = BC / AC
BC × BC = CD × AC
(BC)2 = CD × AC ————(2)
समीकरण (1) और (2) को जोड़ने पर,
(AB)2 + (BC)2 = AD × AC + CD × AC
(AB)2 + (BC)2 = AC (AD + CD)
त्रिभुज से, AD + CD = AC
(AB)2 + (BC)2 = AC × AC, इसलिए,
(AB)2 + (BC)2 = (AC)2 Proved.
समकोण त्रिभुज सिद्ध हुआ.
पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग
- इस प्रमेय का प्रयोग किसी चतुर्भुज के विकर्ण ज्ञात करने के लिए भी होता है.
- यह जानने के लिए कि त्रिभुज एक समकोण त्रिभुज है या नहीं
- एक वर्ग के विकर्ण को खोजने के लिए
- class 10 में त्रिकोणमिति के प्रश्नों को हल करने के लिए
- समकोण त्रिभुज के कर्ण को ज्ञात करने के लिए
- किसी समकोण त्रिभुज के भुजा ज्ञात करने के लिए, आदि.
महत्वपूर्ण प्रश्न FAQs
1. बौधायन प्रमेय किसे कहते है?
उत्तर:- पाइथागोरस प्रमेय को ही बौधायन प्रमेय कहते हैं.
2. कर्ण का सूत्र क्या होता है?
उत्तर:- कर्ण समकोण त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा है, जो समकोण के विपरीत होती है, जो आधार और लंबवत के निकट है.
c = √(a2 + b2), जहाँ c कर्ण है और a एवं b आधार एवं लम्ब है.
3. पाइथागोरस प्रमेय का सूत्र क्या है?
उत्तर:- पाइथागोरस प्रमेय का सूत्र: (कर्ण)2 = (लम्ब)2 + (आधार)2
अर्थात, (AB)2 + (BC)2 = (AC)2
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