शंकु का क्षेत्रफल, वक्र पृष्ठीय एवं सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल

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शंकु को एक त्रिभुज के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, हालांकि शंकु एक घुमावदार आकृति के रूप में होता है. वास्तव में, शंकु त्रि-आयामी एक ऐसी आकृति है जिसमें एक आधार पर सभी बिंदुओं को एक सामान्य बिंदु से जोड़ा जाता है. जहाँ शंकु का आधार वृताकार होता है. वही, Shanku ka Kshetrafal आधार और तिर्यक ऊँचाई से परिभाषित होता है.

प्रयोग के अनुसार शंकु क्लास 8, क्लास 9 और क्लास 10 एग्जाम में सबसे अधिक उपयोग होता है जिसमे शंकु का फार्मूला का योगदान अधिक होता है. एक अनुभवी शिक्षक के अनुसार फार्मूला का ज्ञान गणित में विद्यार्थियों उत्तम बनाता है. यहाँ उसी दृष्टिकोण को मानते हुए फार्मूला अंकित किया गया है जो आवश्यक है.

शंकु की परिभाषा

शंकु, एक त्रिविमीय आकृति है, जो किसी समकोण-नुमा आकृति को समकोण बनाने वाली किसी भी भुजा के चारों ओर घुमाने पर प्राप्त आकृति शंकु कहलाती है.

इस प्रक्रिया में, शंकु का आधार किसी भी आकार का हो सकता है और शीर्ष कहीं भी हो सकता है. इसलिए, Shanku ka Kshetrafal सिमित और शीर्ष आधार के बहार स्थिर होता है.

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शंकु का क्षेत्रफल का फार्मूला| Shanku ka Kshetrafal

मुख्य रूप से, शंकु का आधार वृताकार होता है, इसलिए, इसकी परिधि वही होती है जो वृत्त का होता है. लेकिन यदि शंकु के आधार के क्षेत्रफल को वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल में शामिल कर दिया जाए, तो शंकु का सम्पूर्ण क्षेत्रफल प्राप्त होता है. जो इस प्रकार है.

शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl

लम्बवृतीय शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = πr ( l + r )

शंकु का आधार का क्षेत्रफल = πr2

अर्थात, लम्बवृतीय शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = आधार का क्षेत्रफल + वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल

लम्बवृतीय शंकु के समकोण त्रिभुजा की भुजा, l2 = h2 + r2

शंकु की तिर्यक ऊँचाई = √ ( h2 + r2 )

लम्बवृतीय शंकु की ऊँचाई = √ (l2 – r2 )

शंकु की आधार की त्रिज्या = √ (l2 – h2 )

तथा शंकु का आयतन = 1/3 πr2h

जहाँ h = ऊँचाई, l = तिर्यक ऊँचाई और r = आधार की त्रिज्या है.

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शंकु का क्षेत्रफल सम्बंधित उदाहरण

1. यदि किसी शंकु की त्रिज्या 5 cm हो और तिर्यक ऊँचाई 7 cm हो, तो शंकु का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल ज्ञात करे? (जहाँ π = 22 / 7)

Solution: दिया है, शंकु की त्रिज्या = 5 cm हो और तिर्यक ऊँचाई = 7 cm

इसलिए, फार्मूला से

शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl

=> क्षेत्रफल = 22 / 7 × 5 × 7

अर्थात, वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 110 cm2

2. एक शंकु की ऊँचाई 5 cm और त्रिज्या 4 cm हो, तो शंकु के सम्पूर्ण वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल निकालें ? (जहाँ π = 22 / 7)

Solution: दिया है, शंकु की ऊँचाई = 5 cm और त्रिज्या = 4 cm

इसलिए, तिर्यक ऊँचाई = √ ( h2 + r2 )

=> h = √ ( 52 + 42 )

=> h = √ ( 25 + 16 ) यानि h = √ ( 41 )

अब, शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = πr ( l + r )

=> क्षेत्रफल = 22/7 × 4 ( 41 + 4 )

इसलिए, सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 88 / 7 ( √41 + 4 ) cm2

शंकु के गुणधर्म या विशेषता

शंकु की निम्न गुणधर्म होती है जो इस प्रकार है:-

  • एक शंकु में एक शीर्ष और एक सपाट होता है.
  • एक शंकु में केवल एक कोना होता है.
  • लम्ब वृतीय शंकु का आयतन 1/3πR2h होता है.
  • शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल πR ( l + R)  होता है.

Note:- लम्ब-वृत्तीय शंकु की तिर्यक ऊंचाई, शंकु के वक्र-पृष्ठ पर एक सीधी रेखा में, शंकु के शीर्ष और आधार के वृत्त के किसी भी बिंदु की बीच की दूरी है. इसका प्रयोग Shanku ka Kshetrafal निकालने में किया जाता है.

सामान्य प्रश्न: FAQs

Q. शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल क्या होता है?

शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल πrl होता है, जहाँ r और l शंकु की त्रिज्या तथा तिर्यक ऊंचाई है.

Q. शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठीय का क्षेत्रफल क्या होता है?

एक शंकु के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल πr ( l + r ) होता है. जहाँ r और l शंकु की त्रिज्या तथा तिर्यक ऊंचाई है.

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