चर x में समीकरण ax2+bx+c=0 के प्रकार को एक द्विघात का समीकरण कहते हैं. यह समीकरण ax2 + bx + c = 0,a≠0 द्विघात समीकरण का मानक रूप है. जहाँ a ≠ 0, a, b और c अचर राशियाँ है.
- ax2 = द्विघात पद (Quadratic Term)
- a = x2 का गुणांक (Coefficient of x2)
- bx रैखिक पद (Linear Term)
- b — x का गुणांक (Coefficient of x)
- c अचर पद (Constant Term)
यदि α समीकरण ax2+bx+c=0 के वास्तविक मूल हो, तो द्विघात समीकरण को इस प्रकार aα2+bα+c=0 लिखा जाता है.
द्विघात समीकरण का हल
अचर वाले द्विघात समीकरण के दो हल होते है, जिन्हें प्रायः α (अल्फा) β (बीटा) से व्यक्त किया जाता है.
द्विघात समीकरण को हल करने की विधि
द्विघात समीकरण को मुख्यतः तिन प्रकार से हल किया जाता है जो इस प्रकार है.
- गुणनखंड विधि (Factorisation Method
- पूर्ण वर्ग बनाकर (Completing the Square)
- श्रीधरोचार्य विधि (Sridharocharya Method)
अवश्य पढ़े,
1. गुणनखंड विधि
x2 + x – 110 = 0 का मूल निकाले?
हल: x2 + 11x – 10x – 110 = 0
=> x (x + 11) – 10 (x + 11) = 0
=> (x + 11) (x – 10) = 0
इसलिए x = 10, – 11
2. पूर्ण वर्ग विधि

3. श्रीधरोचार्य विधि
ax2+bx+c=0 के मूल α (अल्फा) β (बीटा) हो, तो
(α, β) = – b ± √D / 2a
α = – b + √(b2 – 4ac) / 2a तथा β = – b – √(b2 – 4ac) / 2a
जहाँ D = विवेचक ( विवित्कर, Discriminant ) विधि कहते है. इसे Depics विधि भी कहा जाता है. जिसमे D = b2 – 4ac होता है.
द्विघात समीकरण के मूलों की प्रकृति
- समीकरण ax2 + bx + c = 0 के लिये b2 − 4ac > 0 हो, तो समीकरण के मूल वास्तविक और असमान होता है.
- द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 के लिये b2 − 4ac = 0 हो, तो मूल वास्तविक और सामान होता है.
- यदि एक द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 के लिये b2 − 4ac < 0 हो, तो मूल काल्पनिक होता है.
द्विघात समीकरण सूत्र एवं परिणाम
समीकरण ax2 + bx + c = 0 का यदि विविक्तकर (Discriminant) b2 − 4ac > 0 हो, तो समीकरण के दो भिन्न वास्तविक मूल होते हैं.
- समीकरण b2 − 4ac = 0 हो, तो मूल वास्तविक और सामान होगा.
- b2 − 4ac < 0 हो, तो मूल काल्पनिक होगा.
- b2 − 4ac > 0 हो, तो मूल वास्तविक और असमान होगा.
मूलों का योगफल (α + β) = – b / a = – x का गुणांक / (x2 का गुणांक)
मूलों का गुणनफल (α . β) = c / a = अचर / (x2 का गुणांक)
द्विघात समीकरण x2 – (α + β) x + (α . β) = 0 होता है.
जब D = 0 हो, तो α = β = – b / a होता है.
ax2 + bx + c = 0 में जब a + b + c = 1 हो, तो इसका एक मूल 1 अवश्य होता है.
द्विघात समीकरण के मूलों की प्रकृति के संदर्भ में एक रोचक कविता
- मिलन है चर-अचर का कहानी द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 का बनाता हूँ.
- कहता हु तेरा जान हूँ मैं, तेरा मूल मन (α, β)की प्रकृति बताता हूँ.
- मेरा नाम है विवेचक या विविक्तिकर मैं Discriminant भी कहलाता हूँ.
- मिलन है चर-अचर का कहानी समीकरण ax2 + bx + c = 0 का बनाता हूँ.
- कहता हु तेरा जान हूँ मैं, तेरा मूल मन (α, β)की प्रकृति बताता हूँ.
- जब मैं होता शून्य से छोटा (D < 0) तेरा मूल को काल्पनिक बताता हूँ.
- जब मैं होता शून्य से बड़ा (D > 0) तो मूल वास्तिविक और असमान बताता हूँ.
- क्या कमाल है मेरे वर्ग रूप का, तेरी मूल को परिमेय और असमान बताता हूँ.
- क्या कमाल है मेरे अवर्ग रूप का, तेरी मूल को अपरिमेय और असमान बताता हूँ.
- मिलन है चर-अचर का कहानी द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 का बनाता हूँ.
- कहता हु तेरा जान हूँ मैं, तेरा मूल मन (α, β)की प्रकृति बताता हूँ.
- जब मैं होता शून्य के तुल्य (D = 0) मूलों को वास्तिविक और सामान बताता हूँ.
- मिलन है चर-अचर का कहानी द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 का बनाता हूँ.
- कहता हु तेरा जान हूँ मैं, तेरा मूल मन (α, β)की प्रकृति बताता हूँ.
FAQs: सामान्य प्रश्न
द्विघात समीकरण के दो समीकरणों ax²+bx+c=0 को हल कर मूल निकाला जाता है. इसके विभिन्न रूप होते है, जिसे नियम अनुसार हल किया जाता है.
समीकरण ax2 + bx + c = 0 के लिये b2 − 4ac > 0 हो, तो समीकरण के मूल वास्तविक और असमान होता है.
द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 के लिये b2 − 4ac = 0 हो, तो मूल वास्तविक और सामान होता है.
यदि एक द्विघात समीकरण ax2 + bx + c = 0 के लिये b2 − 4ac < 0 हो, तो मूल काल्पनिक होता है.
बीजीय व्यंजक ax² + bx + c = 0 के रूप को समीकरण द्विघात समीकरण कहा जाता है. (जहाँ a ≠ 0, b, c ∈ R हो)
प्रत्येक द्विघात समीकरण के दो मूल अल्फ़ा और बीटा होता है.

जिकेश कुमार इस वेबसाइट के फाउंडर है जिन्हें लगभग 5 वर्षो का कंटेंट राइटिंग अनुभव है. इस वेबसाइट उपलब्ध सभी जानकारी दर्शकों के पसंद एवं जरुरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इस वेबसाइट पर एजुकेशन महत्वपूर्ण जानकारी के साथ लोन एवं स्कॉलरशिप, सरकारी योजना, स्टडी टिप्स की भी जानकारी प्राप्त होगी.