लघुगणक फार्मूला, परिभाषा एवं गुण | Log ka Formula

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जाॅन नेपियर के अनुसार प्रतिपादित Logarithm Formula, एक ऐसी गणितीय युक्ति है जिसके प्रयोग मात्र से ही गणनाओं को लघु या सरल किया जा सकता है. लघुगणक का अविष्कार सन 1612 ई. में हेनरी ब्रिग्स ने किया, जिसका आधार 10 के रूप में लिया गया. हेनरी ब्रिग्स के समकालीन गणितज्ञ जॉन नेपियर ने लघुगणक का विकास आधार e पर किया.

आधार e वाले लघुगणक को प्राकृतिक लघुगणक तथा नेपीयर के सम्मान में नेपीयर लघुगणक कहा जाता है. इसके थ्योरी या फार्मूला के प्रयोग से गुणा और भाग जैसी जटिल प्रक्रियाओं को जोड़ और घटाव जैसी सरल प्रक्रियाओं में बदल कर गणना किया जा सकता है. लघुगणक का प्रयोग सामान्य रूप से 1612 ई. के बाद से गणना के लिए किया जाने लगा.

Log ka Formula का उपयोग क्लास 11th, 12th, उच्च स्तरीय क्लास एवं प्रतियोगिता एग्जाम आदि के प्रशों को हल करने के लिए किया जाता है. Computer और Calculator जैसे मशीनों के आने से पहले सभी जटिल समस्याओं को हल करने के लिए लघुगणक का ही प्रयोग किया जाता था.

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लघुगणक की परिभाषा

किसी दिए हुए गणितीय आधार पर किसी संख्या का लघुगणक एक ऐसी संख्या होती है, जिसके आधार के ऊपर घात यानि Power रखने से उसका मान दी हुई संख्या के बराबर हो जाती है. जैसे;

यदि a, x, N तीन ऐसी संख्या हो कि ax = N ( a > 0, a ≠ 1) है, तो

( आधार ) घातांक = परिणाम

जहाँ a = आधार, x = घातांक तथा N = परिणाम है.

घातांक x आधार a पर N का लघुगणक कहलता है. इसे निम्नांकित प्रकार से लिखा जाता है.

log a N = x [ यहाँ आधार निचे और आकार में N से काफी छोटा होता है. ]

इसलिए, log आधार परिणाम = घातांक

अर्थात, किसी संख्या का लघुगणक वह संख्या है, जो उसके आधार पर घात देने के तुल्य होता है.

Note: Logarithm को संक्षिप्त में log लिखा जाता है.

Log का formula

लघुगणक के विभिन्न फार्मूला का प्रयोग गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए मुख्य रूप से किया जाता है. यहाँ कुछ ऐसे फार्मूला उपलब्ध है जिसका प्रयोग क्लास 11th और 12 th में अधिकारिक रूप से किया जाता है.

1. log e (m × n) = log e ( m ) + log e ( n )

2. log e (m / n) = log e ( m ) – log e ( n )

3. log e ( mn ) =n log e ( m )

4. log e ( n√m ) = log e ( n ) / m

5. n log e ( x ) + m log e( y ) = log e ( x nm )

6. log b a = log e ( a ) / log e ( b )

7. log e ( a + c ) = log e ( a ) + log e ( 1 + c / b )

8. log e ( a – c ) = log e ( a ) + log e ( 1 – c / b )

9. x log ( log ( x ) / log ( x )   = log ( x )

10. log a ( b ) = 1 / log b ( a )

लघुगणक का गुणधर्म

  • मुख्य रूप से लघुगणक का आधार 1, 0 और ऋणात्मक नही होता है.
  • किसी भी ऋणात्मक संख्या का लघुगणक परिभाषित नही है.
  • शून्य का लघुगणक परिभाषित नही है.
  • जॉन नेपियर तथा जूस्ट बुर्गी स्वतंत्र रूप से लघुगणक का आविष्कारक है.
  • साधारण लघुगणक का अविष्कारक जॉन नेपियर और हेनरी ब्रिग है.

Log का प्रयोग

लघुगणक का प्रयोग मुख्यतः ऐसे समीकरणों के निकाय को हल करने के लिए किया जाता है, जिनमें अज्ञात राशि घात के रूप में मौजूद होते है. लघुगणक फलन का गणना अवकलज के रूप में बहुत ही सरल होता है, इसलिए, इनका प्रयोग इन्टीग्रल यानि Integration निकालने में होता है.

log की फार्मूला से सम्बंधित प्रश्न SSC, UPSC, Bank, IPS, IBPS आदि जैसे परीक्षा में होता है. इसलिए, लघुगणक का उपयोग ऐसे प्रशों को हल करने के लिए किया जाता है.

Logarithm Formula से सम्बंधित सभी आवश्यक तथ्यों को यहाँ शामिल किया गया है. उम्मीद है कि इस टॉपिक में आपको अब कोई संदेह नही होगा. यदि कोई संदेह शेष हो, तो कृपया हमे कमेंट अवश्य करे.

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पूछे जाने वाला सामन्य प्रश्न FAQs

Q. लघुगणक का सूत्र क्या है?

log e (m × n) = log e ( m ) + log e ( n )

Q. लघुगणक के कितने गुण होते हैं?

लॉगरिदमिक कार्यों के मामले में, लघुगणक के मूल रूप से पांच गुण होते हैं.

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