गणित में ज्यामिति का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है, कहा जाता है, पुराने समय में ज्यामिति का प्रयोग जहाजों की दिशा व्यक्त करने के लिए सबसे अधिक किया जाता था. Tribhuj उसी का एक भाग है जो तीन शीर्षों और तीन भुजाओं वाला एक बहुभुज है. यह ज्यामिति की मूल आकृतियों में से सबसे अधिक प्रयोग किया जानेवाला आकृति है.
त्रिभुज में मुख्यतः तीन भुजाएं. तीन शीर्ष और तीन कोण होते हैं. त्रिभुज के भुजाओं को A, B, और C तथा कोणों को ∠A, ∠B, और ∠C द्वारा सूचित किया जाता है. त्रिभुज सबसे कम भुजाओं वाला एक बहुभुज है जिसके तीनों आन्तरिक कोणों का योग सदैव 180° होता है.
भुजाओं और कोणों के माप के आधार पर त्रिभुज का वर्गीकरण भिन्न-भिन्न प्रकार से व्यक्त किया जाता है. जिसकी पूरी जानकरी आप यहाँ पढ़ेंगे.
त्रिभुज क्या है?
त्रिभुज की परिभाषा: तिन भुजाओं से घिरे उत्तल क्षेत्र को त्रिभुज कहते है. त्रिभुज में तीन भुजाएँ, तीनकोण, और तीन शीर्ष बिन्दुएँ होती है. दुसरें शब्दों में, तीन भुजाओं से घिरे हुए शेत्र को त्रिभुज कहते है. Tribhuj के तीनों भुजाओं से का योगफल 180 डिग्री के बराबर होता है.
विशेषज्ञों द्वारा त्रिभुज का परिभाषा याद करने के लिए अलग-अलग तथ्य दिए गए है ताकि विद्यार्थिओं को याद करने में सरलता प्रदान कर सके.
अर्थात, त्रिभुज किसे कहते है?
सामान्यतः तीन भुजाओं से बनी एक बन्द आकृति को त्रिभुज कहते हैं. एक त्रिभुज तीन भुजाओं वाला बहुभुज होता है जिसमें तीन किनारे और तीन शीर्ष होते हैं तथा त्रिभुज के तीनों आन्तरिक कोणों का योग 180° होता हैं.
त्रभुज के गुण:
- त्रिभुज के तीन शीर्ष, तीन भुजाएँ और तीन कोण होता है.
- सामान्यतः त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180 डिग्री π रेडियन होता है.
- Tribhuj के दो भुजाओं का योग तीसरी भुजा से अधिक होती है.
- त्रिभुज के दो भुजाओं का अंतर तीसरी भुजा से छोटी होती है.

- त्रिभुज का संकेत
- यहाँ A, B, और C त्रिभुज के भाजाएँ है
- बिन्दुएँ A, B, और C शीर्ष है
- AB, BC और AC भुजाएँ है
- ∠A या ∠BAC या ∠CAB
- ∠B या ∠ABC या ∠CBA
- ∠C या ∠ACB या ∠BCA
- “∠” त्रिभुज के कोण है
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त्रिभुज के सूत्र
एक त्रिभुज का क्षेत्रफल = ½ × आधार × ऊँचाई
अर्थात A = ½ × bh
या
A = √[ s ( s – a ) ( s – b ) ( s – c ) ]
जहाँ s अर्द्ध परिमाप है = (a + b + c) / 2
और a, b, एवं c त्रिभुज तीनों भुजाओं की लम्बाई है.
त्रिभुक के प्रकार
त्रिभुज को उसके भुजाओं और कोण के आधार पर मुख्यतः निम्न वर्गों में विभाजित किया गया है, जो इस प्रकार है.

कोण के विचार से त्रिभुज का प्रकार
विशेषज्ञों के द्वारा त्रिभुज को कोण के आधार पर सामान्यतः तिन भागों में व्यक्त किया गया है.
भुजा के विचार से त्रिभुज के प्रकार
त्रिभुज के प्रकार का परिभाषा
त्रिभुज का परिभाषा विशेषज्ञों के अनुसार थोड़ा अलग-अलग हो सकता है क्योंकि जो शब्द याद करने और समझने में सरल होता है उसे परिभाषा कहा जाता है. यहाँ सभी त्रिभुज का परिभाषा दिया गया है, Tribhuj और उसके प्रकार को समझने में सरल बना सकता है.
न्यूनकोण त्रिभुज
जिस त्रिभुज के तीनों कोणों न्यून कोण हो, उसे न्यूनकोण त्रिभुज कहा जाता है. अर्थात जिस त्रिभुज का प्रत्येक कोण 90 डिग्री से कम हो, उसे न्यूनकोण त्रिभुज कहा जाता है.
समकोण त्रिभुज
जिस त्रिभुज का एक कोण समकोण हो, वह समकोण त्रिभुज कहलाता है. अर्थात एक कोण 90 डिग्री का तथा शेष दोनों कोण एक दूसरे के पूरक हो, तो वह समकोण त्रिभुज कहलाता है.
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समकोण त्रिभुज के गुण:
- कर्ण: समकोण त्रिभुज के सामने अथवा समकोण त्रिभुज की सबसे बड़ी भुजा कर्ण कहलाती है.
- लम्ब ( Perpendicular): समकोण त्रिभुज में न्यूनकोण के सामने की भुजा लम्ब कहलाती है.
- आधार: समकोण त्रिभुज में न्यूनकोण बनाने वाली छोटी भुजा आधार कहालती है.
- यानि ( कर्ण )² = ( लम्ब)² + ( आधार )²
Note: इसे पाइथागोरस प्रमेय कहा जाता है. इसे भारतीय गणितज्ञ बौद्धयन ने भी स्पस्ट किया था.
अधिककोण त्रिभुज
जिस त्रिभुज का एक कोण अधिक कोण हो, वह अधिककोण त्रिभुज कहलाता है. अर्थात त्रिभुज का कोई भी एक कोण 90 डिग्री से अधिक हो, तो वह अधिक कोण त्रिभुज कहलाता है.
समबाहु त्रिभुज
जिस त्रिभुज की तीनों भुजाओं की लम्बाई आपस में समान हो, वह समबाहु त्रिभुज कहलाता है. अर्थात, वैसा Tribhuj जिसमें तीनों भुजाएं समान होती हैं साथ ही प्रत्येक भुजा की कोण 60° का होता है, वह समबाहु त्रिभुज कहलाता है.
Note: त्रिभुज ABC में, AB = BC = AC
समद्विबाहु त्रिभुज
जिस Tribhuj की दो भुजाएँ आपस में समान लम्बाई के हो, तो वह समद्विबाहु त्रिभुज कहलाते है. अर्थात, यदि कोई दो भुजाएं आपस में समान हो तथा समान भुजाओं के सामने के कोण भी समान हो, तो वे समद्विबाहु त्रिभुज कहलाते है.
विषमबाहु त्रिभुज:
जिस त्रिभुज के तीनों भुजाएँ आपस में असमान लम्बाई की हो, वह विषमबाहु त्रिभुज कहलाते है. अर्थात, भुँजाओं के साथ-साथ कोण भी असमान होते है.
त्रिभुज के स्मरणीय महत्वपूर्ण तथ्य
1. त्रिभुज का संकेत या सिंबल “∆” होता है.
2. त्रिकोण यानि त्रिभुज के तीनों कोणों का योगफल 180, 2 समकोण या π-रेडियन होता है.
3. समबाहु त्रिभुज के प्रत्येक कोण का मान 60 डिग्री या 2 / 3 समकोण होता है.
4. समकोण समद्विबाहु त्रिभुज के प्रत्येक न्युनकोण का मान 1 / 2 समकोण होता है.
5. समद्विबाहु त्रिभुज के आधार पर का कोण समान होता है.
6. किसी भी त्रिभुज में दो कोण न्यूनकोण होता है.
7. समकोण त्रिभुज में ( कर्ण )² = ( लम्ब)² + ( आधार )²
8. समकोण त्रिभुज का लम्केंद्र समकोण बनानेवाली शिर्ष पर होता है.
9. समबाहु त्रिभुज का अन्तःकेंद्र, लम्बकेंद्र, गुरुत्वकेंद्र तथा परिकेंद्र संपाती होता है.
10. त्रिभुज में समानभुजा के सम्मुख कोण समान होता है.
11. त्रिभुज में समान कोणों के सम्मुख भुजा समान होता है.
12. त्रिभुज में गुरुत्वकेंद्र मध्यकाओं को शीर्ष 2:1 में बाँटती है.
13. त्रिभुज के तीनों भुजाओं को क्रम से बढ़ाने पर बने सभी बहिष्कोणों का योग 360 डिग्री होता है.
14. त्रिभुज के तीनों शिर से गुजरनेवाला वृत्त परिवृत कहलाता है.
15. त्रिभुज के तीनों भुजाओं को स्पर्श करनेवाले वृत्त को अन्तःवृत्त कहते है.
16. किसी त्रिभुज में एक भुजा के समान्तर खिंची जानेवाली रेखा अन्य दो भुजाओं को एक ही अनुपात में कटती है. इस कथन के विलोम भी सत्य है.
17. समबाहु त्रिभुज में शीर्ष से सम्मुख भुजा पर डाला गया लम्ब सम्मुख भुजा को समद्विभाजित करती है.
18. समद्विबाहु त्रिभुज में शीर्ष से आधार पर डाला गया लम्ब आधार को समद्विभाग करती है.
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त्रिभुज की विशेषताएं
- एक त्रिभुज में तीन शीर्ष, तीन भुजाएँ और तीन कोण होता हैं.
- त्रिभुज के दो भुजाओं का योग तीसरी भुजा से अधिक होता है.
- एक त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° या π रेडियन होता हैं.
- त्रिभुज की किसी दो भुजाओं की मापों का अंतर, तीसरी भुजा की माप से कम होता हैं.
- त्रिभुज की एक भुजा को आगे बढ़ाने पर बनने वाला बहिष्कोण दो सम्मुख अन्त: कोणों के योग के बराबर होता हैं. त्रिभुज का बहिष्कोण किसी भी सम्मुख अन्त:कोण से बड़ा होता हैं.
- यदि एक त्रिभुज में किसी एक भुजा का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर हो, तो पहली भुजा का सम्मुख कोण समकोण होता हैं.
महत्वपूर्ण तथ्य
त्रिभुज के असमिका के अनुसार त्रिभुज की किसी भी दो भुजाओं की लम्बाइयों का योग, तीसरी भुजा की लंबाई से अधिक या बराबर होती है. त्रिभुज की दो भुजाओं का योग, तीसरी भुजा की लंबाई से कम होना संभव नहीं है. अर्थात Tribhuj की असमिका को सिर्फ वही संतुष्ट कर सकती है जिस त्रिभुज के दो भुजाओं का योग, तीसरी भुजा से अधिक या बराबर हो.
गणित में, Tribhuj के परिभाषा, प्रकार और पहचान अत्यंत आवश्यक है. इसकी जानकारी आपको गणित में अच्छी पकड़ प्रदान करता है. जिससे मैथ्स की तैयारी करना सरल हो जाता है. उम्मीद है आपको पसंद आएगा.
सामन्य प्रश्न: FAQs
Q. एक त्रिभुज में कितने कौन होते हैं?
एक त्रिभुज में तीन भुजाएँ, तीन कोण और तीन शीर्ष यानि कोने होते हैं.
Q. त्रिभुजों के सूत्र बताइए?
त्रिभुज का क्षेत्रफल का सूत्र A = ½ × आधार × ऊँचाई यानि A = ½ × bh होता है. जहाँ b आधार है और h त्रिभुज की ऊँचाई है.
Q. त्रिभुज कितने प्रकार के है?
त्रिभुज के भुजाओं एवं कोण के आधार पर मुख्यतः 6 वर्गों में विभाजित किया गया है. जो इस प्रकार है:
- समबाहु त्रिभुज
- समद्विबाहु त्रिभुज
- विषमबाहु त्रिभुज
- न्यूनकोण त्रिभुज
- समकोण त्रिभुज
- अधिककोण त्रिभुज
Q. त्रिभुज में कितने भाग होते हैं?
एक त्रिभुज में मुख्य 6 भाग है, तीन भुजाएँ और तीन कोण.

जिकेश कुमार इस वेबसाइट के फाउंडर है जिन्हें लगभग 5 वर्षो का कंटेंट राइटिंग अनुभव है. इस वेबसाइट उपलब्ध सभी जानकारी दर्शकों के पसंद एवं जरुरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इस वेबसाइट पर एजुकेशन महत्वपूर्ण जानकारी के साथ लोन एवं स्कॉलरशिप, सरकारी योजना, स्टडी टिप्स की भी जानकारी प्राप्त होगी.