अधिक कोण त्रिभुज: परिभाषा, सूत्र एवं गुण

गणितीय ज्यामिती में, त्रिभुज भुजाओं और कोणों से घिरी हुई एक बंद आकृति है, जिसे भुजाओं और आंतरिक कोणों के आधार पर, विभिन्न विभक्त किया जाता है. उन्ही भागों में एक अधिक कोण त्रिभुज है. अधिक कोण त्रिभुज को उसके कोणों से व्यक्त किया जाता है. Obtuse Angle Triangle in Hindi के प्रत्येक कोण का माप भिन्न भिन्न होता है.

इस त्रिभुज में अधिक कोण सर एक हो सकता है, और शेष दो कोण न्यूनकोण होते हैं. आकृति के अनुसार ये समकोण त्रिभुज से लगभग भिन्न होता है जिसमे एक कोण 90 डिग्री से अधिक होता है. प्रश्न हल करने के लिए इसके फार्मूला का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है. जिसका विवरण निचे दिया गया है.

अधिक कोण त्रिभुज किसे कहते है? Adhik Kon Tribhuj

वैसा त्रिभुज, जिसका कोई भी एक कोण अधिक कोण हो, उसे अधिक कोण त्रिभुज कहा जाता है. अर्थात, जिस त्रिभुज का एक कोण 90 डिग्री से अधिक हो, वह अधिक कोण त्रिभुज कहलाता है. इस त्रिभुज के प्रत्येक आंतरिक कोणों का योग हमेशा 180 डिग्री के बराबर होता है.

त्रिभुज के विभिन्न गुणधर्मों के अनुसार त्रिभुज के प्रकार भिन्न-भिन्न होते हैं, जिसमे उसके भुजाओं एवं कोणों के विषय में अध्ययन किया जाता है. जैसे;

∠ PQR एक अधिककोण त्रिभुज है जिसमे,

  • ∠PQR = ∠Q = 90° से अधिक
  • ∠PRQ = ∠R = 90° से कम
  • ∠QPR = ∠P = 90° से कम

अन्य महत्वपूर्ण त्रिभुज

अधिक कोण त्रिभुज का फार्मूला

एक अधिक कोण त्रिभुज के क्षेत्रफल और परिधि ज्ञात करने का सूत्र किसी अन्य त्रिभुज के सूत्र के लगभग समान होता है. त्रिभुज के सामान्य फार्मूला एवं हेरोन का फार्मूला लगभग प्रत्येक त्रिभुज में प्रयोग किया जाता है. फार्मूला इस प्रकार है;

1. परिमाप = a + b + c

2. क्षेत्रफल A = ½ × b × h

3. अर्धपरिधि P = ½ ( a + b + c )

4. क्षेत्रफल A = √ [ s(s – a)(s – b)(s – c) ]

जहाँ, a, b, और c त्रिभुज का आधार है और, h त्रिभुज की ऊंचाई है तथा s त्रिभुज का अर्द्धपरिमाप है.

यदि किसी स्थिति में अधिक कोण त्रिभुज में कोई कोण न दिया हो, तो निचे दिए गए फार्मूला का प्रयोग कर कोण ज्ञात किया जा सकता है.

5. A = ½ × a × b × sinθ 

जहाँ, a = ऊँचाई, b = आधार तथा θ = थीटा, जो त्रिभुज का कोण है.

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अधिक कोण त्रिभुज का गुण

  • दो कोण हमेशा न्यूनकोण होते है.
  • एक कोण 90 डिग्री से अधिक होता है.
  • अधिक कोण के विपरीत वाला भाग त्रिभुज की सबसे लंबी भुजा होती है.
  • एक त्रिभुज में केवल एक ही अधिक कोण होता है.
  • त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180 होता है.
  • तीन भुजाओं के मध्यबिंदुओं को यदि जोड़ दिया जाए, तो समान क्षेत्रफल के 3 समांतर चतुर्भुज प्राप्त होते है.
  • अन्य दो कोणों का योग 90 डिग्री से कम होता है.

महत्वपूर्ण निष्कर्ष

यदि किसी त्रिभुज के दो कोण दिए गए हो, तो पाइथोगोरियन प्रयोग कर पहचान किया जा सकता है कि Obtuse Angle Triangle है या नहीं. और यदि त्रिभुज भुजाओं का योग सबसे बड़े भुजा के वर्ग से कम हो, तो यह एक अधिक कोण त्रिभुज होता है.

स्मरण रखे कि एक Adhik Kon Tribhuj में एक ही समय में समकोण और अधिक कोण नहीं हो सकता है. क्योंकि Obtuse Angle Triangle in Hindi में एक कोण 90 डिग्री से अधिक और अन्य दो कोण न्यून कोण होते हैं.

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