मास कम्यूनिकेशन में करियर कैसे बनाए

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मास कम्युनिकेशन एक रोचक और विशाल क्षेत्र है जो विभिन्न संचार माध्यमों के माध्यम से समाज में संदेश पहुंचाता है। यह क्षेत्र उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो संचार कौशल, रचनात्मकता और मीडिया का उपयोग करके अपनी कला और विचारों को दुनिया के साथ साझा करना चाहते हैं। यदि आपको लिखने, बोलने और विचारों को दूसरों तक पहुंचाने का शौक है, तो मास कम्युनिकेशन क्षेत्र में करियर आपके लिए उपयुक्त हो सकता है।

पिछले कुछ वर्षों में मास कम्युनिकेशन क्षेत्र का व्यापक विस्तार हुआ जिससे इसमें अपार नौकरी के अवसर की संभावनाएं है, तो 12 या अंडर ग्रेजुएशन के बाद मास कम्युनिकेशन के क्षेत्र में करियर बनाना एक अच्छा निर्णय है.

मास कम्यूनिकेशन क्या है? पूरी जानकारी

मास कम्यूनिकेशन का मतलब होता है जनसंचार. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां संचार के माध्यम से जानकारी और समाचार को लोगों तक पहुंचाया जाता है। इसमें हम टेलीविजन, रेडियो, अखबार, मैगजीन, वेबसाइट्स, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से संदेशों को भेजते हैं। मास कम्यूनिकेशन के माध्यम से हम लोगों को जागरूक करते हैं, मनोरंजन प्रदान करते हैं. यह एक विशाल और रोचक करियर फील्ड है जहां हम कई रोचक और महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं।

मास कम्यूनिकेशन एक व्यापक फील्ड है जो विभिन्न करियर मार्गों की पेशकश करता है, तो आज की इस लेख में हम लोग जानेंगे मास कम्युनिकेशन के क्षेत्र में करियर कैसे बनाएं?कौन सा कोर्स करें ? जॉब के अवसर और सैलरी कितनी होती है?

मास कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में career कैसे बनाये? :

मास कम्यूनिकेशन कार्यक्रम छात्रों को मास कम्यूनिकेशन की विभिन्न विषयों पर ज्ञान प्रदान करने का एक माध्यम है। यह कार्यक्रम छात्रों को सामाजिक, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक मानसिकता के बारे में समझाता है और उन्हें सार्वजनिक संचार माध्यमों का प्रभाव समझने में मदद करता है।

मास कम्यूनिकेशन में उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के बाद, छात्र विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि पत्रकारिता, संचार विज्ञान, जनसंपर्क, डिजिटल मीडिया, विज्ञापन और पब्लिक रिलेशंस आदि.

स्नातक (UG- Under Graduation Course): मास कम्यूनिकेशन के स्नातक पाठ्यक्रम में छात्रों को संचार के विभिन्न क्षेत्रों में मूलभूत ज्ञान प्रदान किया जाता है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को लेखन, प्रेस विज्ञान, वार्तापत्रिका, टेलीविजन, रेडियो, डिजिटल मीडिया और पब्लिक रिलेशंस के बारे में शिक्षा दी जाती है।

स्नातकोत्तर (PG- Post Graduation Course): मास कम्यूनिकेशन के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में छात्रों को  अधिकतम ज्ञान और कौशल प्रदान किया जाता है जो मास कम्यूनिकेशन के नवीनतम विकासों और तकनीकी परिवर्तनों के साथ संबंधित होता है। छात्रों को विभिन्न पहलुओं में मास कम्यूनिकेशन के गहन अध्ययन के साथ-साथ नवीनतम सांख्यिकीय और ग्राफिकल उपकरणों का उपयोग करना सिखाया जाता है।

डिप्लोमा: मास कम्यूनिकेशन के डिप्लोमा पाठ्यक्रम छात्रों को संचार क्षेत्र में अच्छी बुनियाद प्रदान करता है। यह पाठ्यक्रम आमतौर पर संचार के मौलिक सिद्धांतों, प्रेस संचार, जनसंपर्क, विज्ञान, विज्ञान और टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

मास कम्यूनिकेशन के योग्यता

मास कम्युनिकेशन कोर्स करने के लिए निम्न प्रकार की योग्यता उम्मीदवार में होनी चाहिए.

  • बैचलर्स कोर्सेज में प्रवेश लेने के लिए उम्मीदवार किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पूरा किया हो। 
  • न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त करना अनिवार्य है.
  • हालांकि, दूसरे कॉलेज में 50 प्रतिशत की आंकड़ा भिन्न हो सकती है.
  • मास्टर्स कोर्सेस के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर्स डिग्री प्राप्त हो।
  • विदेश में अध्ययन करने के लिए IELTS या TOEFL स्कोर की आवश्यकता होती है।
  • विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/रिज्यूमे  और पोर्टफोलियो जमा करना पड़ेगा.

मास कम्यूनिकेशन में एडमिशन के लिए दस्तावेज़  

  • आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
  • स्कैन किए हुए पासपोर्ट की डाक्यूमेंट्स
  • IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर 
  • प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
  • SOP 
  • लैटर/ निबंध (यदि आवश्यक हो)
  • पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
  • अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
  • एक पासपोर्ट और छात्र वीज़ा  
  • बैंक अकाउंट एवं अन्य विवरण

भारत के टॉप मास कम्यूनिकेशन कॉलेज / यूनिवर्सिटी

भारत में मास कम्यूनिकेशन में यूजी, पीजी और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के लिए शीर्ष कॉलेज और विश्वविद्यालयों की कुछ लिस्ट:

Top Government Colleges/Universities

  1. Mudra Institute of Communications, Ahmedabad (MICA)
  2. Jamia Millia Islamia, New Delhi
  3. Aligarh Muslim University (AMU), Aligarh
  4. Symbiosis Institute of Media and Communication, Pune
  5. Xavier Institute of Communication (XIC), Mumbai
  6. Asian College of Journalism, Chennai
  7. Department of Communication Studies, University of Pune
  8. Christ University, Bangalore

Top Private Colleges/Universities

  1. Asian College of Journalism, Chennai
  2. Symbiosis Institute of Media and Communication, Pune
  3. Manipal Institute of Communication, Manipal
  4. Whistling Woods International, Mumbai
  5. Amity School of Communication, Noida
  6. Xavier Institute of Communication, Mumbai
  7. Bennett University, Greater Noida
  8. Apeejay Institute of Mass Communication, Delhi
  9. MICA (Mudra Institute of Communications), Ahmedabad

मास कम्युनिकेशन कोर्स में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन

सरकारी और निजी कॉलेज के प्रवेश प्रक्रिया में अंतर हो सकता है.

सरकारी कॉलेज:

प्रवेश परीक्षा: कई सरकारी कॉलेज प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जैसे कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) परीक्षा, नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NET) आदि। इन परीक्षाओं के माध्यम से छात्रों को आधिकारिक रूप से प्रवेश मिलता है।

कटऑफ मार्क्स: कई सरकारी कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा के बजाय कटऑफ मार्क्स के माध्यम से छात्रों को प्रवेश प्रदान किया जाता है। छात्रों की प्रतिभा परीक्षाओं, अंक प्राप्ति के आधार पर या उनकी बैचलर्स डिग्री (बीए/बीटेक/इंटरमीडिएट या समकक्ष) की मार्कशीट के आधार पर चयनित किया जा सकता है।

निजी कॉलेज:

निजी प्रवेश परीक्षा: कुछ निजी संस्थान प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं, जिसमें छात्रों को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के माध्यम से चयनित किया जाता है।

इसके अलावा, कुछ संस्थानों में छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षाओं जैसे कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) या ज्वाइंट एंट्रेंस परीक्षा (JEE) के स्कोर को भी महत्वपूर्ण मान सकते हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि प्रवेश प्रक्रिया की विवरण संस्थानों के आधिकारिक वेबसाइट या प्रवेश procedure देखकर जांचना चाहिए, ताकि नवीनतम जानकारी प्राप्त की जा सके।

मास कम्युनिकेशन कोर्स की फीस कितनी है?

सरकारी और निजी (गैर-सरकारी) संस्थानों में मास कम्यूनिकेशन (Mass Communication) के यूजी, पीजी और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की फीस में अंतर हो सकता है।

सरकारी संस्थान (Government Institutions):

सरकारी कॉलेज और विश्वविद्यालयों में फीस आमतौर पर कम होती है और अधिकांश मामलों में शैक्षिक सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसलिए, यहां फीस रेंज आमतौर पर 10,000 रुपये से 50,000 रुपये प्रति वर्ष तक होती है।

प्रवेश प्रक्रिया आमतौर पर लोकसभा/राज्यसभा परीक्षा, राज्य/केंद्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाएं, या इंटरव्यू के माध्यम से होती है।

  • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (fees)
  • यूजी फीस: लगभग 10,000 – 20,000 रुपये प्रति वर्ष
  • पीजी फीस: लगभग 15,000 – 25,000 रुपये प्रति वर्ष

निजी संस्थान (Private Institutions):

निजी संस्थानों में फीस आमतौर पर सरकारी संस्थानों की तुलना में अधिक होती है। इसलिए, यहां फीस रेंज आमतौर पर 50,000 रुपये से 5,00,000 रुपये प्रति वर्ष तक हो सकती है।

  • एमारीती देवी गोविंदा श्रीजी सिंहवि विश्वविश्वविद्यालय, नई दिल्ली (fees)
  • यूजी फीस: लगभग 1,50,000 – 2,00,000 रुपये प्रति वर्ष
  • पीजी फीस: लगभग 2,00,000 – 3,00,000 रुपये प्रति वर्ष
  • प्रवेश प्रक्रिया: मेरिट आधारित या एमजीएमसीईटी परीक्षा

यहां दिए गए उदाहरण केवल एक संदर्भ हैं और आपको अपनी आवश्यकतानुसार विभिन्न संस्थानों की वेबसाइट पर जाकर विशेष जानकारी की जांच करनी चाहिए।

मास कम्युनिकेशन कोर्स की अवधि कितनी है?

मास कम्युनिकेशन के यूजी (इंडरग्रेजुएट), पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की अवधि संस्थान और विश्वविद्यालय के निर्धारित कार्यक्रम पर निर्भर करेगी।

यूजी (अंडरग्रेजुएट) कोर्स:

अवधि: यूजी पाठ्यक्रमों की अवधि सामान्यतः 3 वर्ष होती है।

  1. बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए)
  2. बैचलर ऑफ जर्नलिज्म (बीजेए)
  3. बैचलर ऑफ मीडिया स्टडीज (बीएमएस)

पीजी (पोस्ट ग्रेजुएट) कोर्स:

अवधि: पीजी पाठ्यक्रमों की अवधि सामान्यतः 2 वर्ष होती है। यह अवधि अधिकांशतः संस्थान द्वारा निर्धारित की जाती है।

  1. मास्टर ऑफ जर्नलिज्म (एमजी)
  2. मास्टर ऑफ मास कम्युनिकेशन (एमएमसी)
  3. मास्टर ऑफ एडवरटाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स (एमएपीआर)

डिप्लोमा कोर्स:

अवधि: डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की अवधि सामान्यतः 1 वर्ष होती है। यह अवधि भी संस्थान द्वारा निर्धारित की जाती है।

  1. डिप्लोमा इन जर्नलिज्म
  2. डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग
  3. डिप्लोमा इन डिजिटल मास कम्युनिकेशन

कुछ संस्थान वार्षिक परीक्षा प्रणाली का उपयोग करते हैं, जबकि दूसरे संस्थान सेमेस्टर प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं।

मास कम्युनिकेशन के क्षेत्र में जॉब के अवसर

मास कम्युनिकेशन के क्षेत्र में कई रोजगार अवसर होते हैं।

पत्रकारिता: न्यूज़पेपर, टीवी, रेडियो और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर पत्रकार, संवाददाता, लेखक या संपादक के रूप में काम करने का अवसर होता है।

वेब और डिजिटल मीडिया: डिजिटल प्रसारण, वेबसाइट प्रबंधन, सोशल मीडिया प्रबंधन, वीडियो प्रोडक्शन, डिजिटल संपादन, ग्राफ़िक डिजाइनिंग और ऑनलाइन वार्तालाप के लिए अवसर होते हैं।

विज्ञापन और प्रचार: मार्केटिंग कम्युनिकेशन, ब्रांड मैनेजमेंट, जांच और विमोचन, डिजिटल मार्केटिंग, मीडिया प्लानिंग और विज्ञापन संचालन के क्षेत्र में रोजगार अवसर होते हैं।

संगठनों में संचार और संचार प्रबंधन: कम्युनिकेशन विभागों, पब्लिक रिलेशंस, कंपनी कम्युनिकेशन, आंतरिक संचार और न्यू मीडिया अनुभव के क्षेत्र में नौकरियों का अवसर होता है।

वीडियो प्रोडक्शन: टेलीविजन चैनलों, फिल्म उद्योग, वीडियो प्रोडक्शन कंपनियों, डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स आदि में वीडियो प्रोडक्शन के लिए रोजगार के अवसर होते हैं।

कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन: बड़ी कंपनियों और विपणन संगठनों में संगठनात्मक कम्युनिकेशन, संघीय कम्युनिकेशन, कॉर्पोरेट संचार रणनीति, वेब कम्युनिकेशन और सार्वजनिक रिलेशंस के क्षेत्र में रोजगार अवसर होते हैं।

एडिटोरियल और पब्लिशिंग: पत्रिका, पत्रिका, विशेषाधिकार पत्रिकाओं, प्रकाशन कंपनियों और डिजिटल पब्लिशिंग में लेखक, संपादक, प्रकाशन सहायक, डिजाइनर, फैशन डिजाइनिंग और पब्लिशर के रूप में रोजगार अवसर होते हैं।

विश्वविद्यालय और संशोधन संगठन: मास कम्युनिकेशन के क्षेत्र में विश्वविद्यालय और संशोधन संगठनों में अध्यापन, शोध, परामर्श, और अध्ययन के लिए रोजगार अवसर होते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग: वेबसाइट्स, ब्लॉग, सोशल मीडिया, ईमेल मार्केटिंग, गूगल एडवर्टाइजमेंट, वेब डिजाइनिंग आदि के माध्यम से डिजिटल मार्केटिंग की योजनाओं का प्रबंधन करने का अवसर होता है।

मीडिया प्लानर: लक्षित दर्शकों तक विज्ञापनों की योजना और स्थानन की रणनीति का प्रबंधन करने का कार्य होता है।

सार्वजनिक संबंध विशेषज्ञ: व्यक्तियों, संगठनों या कंपनियों की सार्वजनिक छवि और प्रतिष्ठा का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसमें मीडिया संबंधों, प्रेस विज्ञप्तियों, इवेंट्स और संकट प्रबंधन शामिल होता है।

कंटेंट राइटर/संपादक: वेबसाइट, ब्लॉग, सोशल मीडिया, पत्रिकाओं या अख़बारों के लिए रोचक और सूचनात्मक सामग्री बनाने का काम होता है।

ब्रॉडकास्ट पत्रकार: टेलीविजन या रेडियो समाचार में काम करते हैं, वर्तमान घटनाओं की रिपोर्टिंग, साक्षात्कार आयोजन और दर्शकों को समाचार कहानियों का प्रस्तुतिकरण करते हैं।

फिल्म और टीवी निर्माता: फिल्मों, टीवी शोज, फिल्म स्क्रिप्ट राइटर या डॉक्यूमेंट्रीज़ की उत्पादन प्रक्रिया का प्रबंधन करें.

डिजिटल मीडिया विश्लेषक: डिजिटल मीडिया के रुझानों, उपयोगकर्ता बंधुता और दर्शक व्यवहार का विश्लेषण करके डिजिटल मार्केटिंग रणनीतियों और अभियांत्रिकी को सुधारने में मदद करता है।

इवेंट प्रबंधक: सम्मेलन, सेमिनार, उत्पाद लॉन्च और प्रचार के लिए विभिन्न इवेंट्स की योजना और संचालन करने का कार्य होता है। इसमें लॉजिस्टिक कोऑर्डिनेशन और सुगठन की जिम्मेदारी शामिल होती है।

फोटोजर्नलिस्ट: समाचारपत्रों, पत्रिकाओं, ऑनलाइन मंचों या डॉक्यूमेंटरी परियोजनाओं के लिए छवियों के माध्यम से रोचक विज्ञापन बनाने का काम होता है।

मीडिया शोधकर्ता: मीडिया उपभोग के पैटर्न, दर्शक प्राथमिकताएं और बाजारी रुझानों का अध्ययन करके मीडिया संगठनों और विज्ञापनकर्ताओं के लिए निर्णय लेने में मदद करता है।

मास कम्युनिकेशन के क्षेत्र में नौकरियों के अवसर विभिन्न हो सकते हैं और सैलरी उनके अनुसार भी भिन्न होती है।

मास कम्युनिकेशन में सैलरी कितनी मिलती है?

नौकरी के सैलरी में कई तत्वों पर निर्भर करता है जैसे कि कंपनी का प्रोफाइल, अनुभव, क्षेत्र, क्षेत्र में काम करने का स्थान, आपकी कौशल सेट और अन्य फैक्टर्स।

पत्रकारिता:

  • पत्रकार:  शुरुआती स्तर पर 2 लाख – 5 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।
  • अनुभवी पत्रकारों की सैलरी 6 लाख से 15 लाख रुपये प्रति वर्ष तक पहुंच सकती है।
  • न्यूज़ एंकर: की सैलरी 5 लाख से 20 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।

डिजिटल मीडिया:

  • सोशल मीडिया प्रबंधक: 4 लाख – 10 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।
  • वीडियो प्रोडक्शन मैनेजर: 5 लाख – 15 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।

विज्ञापन और प्रचार:

  • मार्केटिंग कम्युनिकेशन मैनेजर: 6 लाख – 15 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।
  • विज्ञापन संचालक: 8 लाख – 20 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।

वेब और डिजिटल प्रसारण:

  • डिजिटल मार्केटिंग प्रशासक: 4 लाख – 10 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच होती है.
  • वेबसाइट विकासकर्ता: 4 लाख – 12 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।

कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन:

  • कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन मैनेजर: 6 लाख – 15 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।
  • संगठनात्मक कम्युनिकेशन विशेषज्ञ: 5 लाख – 12 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।

एडिटोरियल और पब्लिशिंग:

  • संपादक: 5 लाख – 12 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।
  • लेखक: 3 लाख – 8 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।

रेडियो और टेलीविजन:

  • टेलीविजन प्रोड्यूसर: 5 लाख – 15 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।
  • रेडियो जॉकी: 3 लाख – 10 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।

संगठनों में संचार और संचार प्रबंधन:

  • आंतरिक संचार मैनेजर: 6 लाख – 12 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।
  • पब्लिक रिलेशंस प्रबंधक: 6 लाख – 15 लाख रुपये प्रति वर्ष के बीच।

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मास कम्यूनिकेशन से सम्बंधित प्रश्न: FAQs

Q. क्या मास कम्युनिकेशन में करियर बनाने के लिए ग्रेजुएशन आवश्यक है?

जी हां, आपको मास कम्युनिकेशन में करियर बनाने के लिए एक संबंधित क्षेत्र में स्नातक की उपाधि (ग्रेजुएशन) प्राप्त करनी होगी।

Q. क्या किसी विशेष स्नातक पाठ्यक्रम की आवश्यकता है?

मास कम्युनिकेशन में करियर बनाने के लिए आपके पास संबंधित क्षेत्र में ग्रेजुएशन या समकक्ष पाठ्यक्रम होना चाहिए। इसमें विज्ञान, कला, वाणिज्य, और मानविकी के साथ-साथ जर्नलिज्म, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, पब्लिक रिलेशंस, फिल्म संचार, डिजिटल मार्केटिंग आदि शामिल हो सकते हैं।

Q. क्या एक डिप्लोमा कोर्स भी मास कम्युनिकेशन में करियर बनाने के लिए मान्य है?

हां, कुछ संस्थान और कॉलेज मास कम्युनिकेशन के लिए डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी प्रदान करते हैं। यह आपके अनुसार है कि आप किस स्तर पर करियर बनाना चाहते हैं और कौनसी उपाधि आपके लिए उपयुक्त होगी।

Q. क्या मैं अपने करियर की शुरुआत के लिए स्टाज या इंटर्नशिप कर सकता हूँ?

हां, एक स्टाज या इंटर्नशिप मास कम्युनिकेशन में करियर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। यह आपको व्यापक अनुभव प्रदान करेगी और आपको इस क्षेत्र की विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करेगी।

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