बहुभुज, सरल रेखाओं से घिरी द्वि-आयामी ज्यामितीय आकृति है जिसकी भुजाओं की संख्या सिमित होती है. रेखाओं या रेखाखंड से घिरी लगभग सभी ज्यामितीय आकृति बहुभुज के रूप में परिभाषित किया जाते है. मुख्यरूप से, Bahubhuj की भुजाएँ सीधी रेखा के खंड से बनी होती हैं जो एक दूसरे से अंत तक जुड़ी रहती हैं.
bahubhuj में रेखाखंडों को भुजा या किनारा कहा जाता है. वह बिंदु जहां दो रेखा खंड एक दुसरें से मिलते हैं, शीर्ष कहलाते हैं. भुजाओं के मिलान से कोण का निर्माण होता है जिसे बहुभुज का कोण कहा जाता है.
ज्यामितीय में बहुभुज का प्रयोग प्रतियोगिता एग्जाम एवं क्लास 8th से 12th तक के प्रशों को हल करने के लिए किया जाता है. Bahubhuj का फार्मूला, परिभाषा एवं गुण सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए, सभी तथ्यों को यहाँ उपलब्ध कराया गया है.
बहुभुज की परिभाषा
Bahubhuj एक समतल सतह पर समित भुजाओं से घरी एक ऐसी ज्यामितीय आकृति है, जिसमे दो भुजा मिलकर एक शीर्ष का निमार्ण करते है. जिसे बहुभुज कहते है. रेखा खंड से घिरी आकृति के प्रत्येक भाग को बहुभुज की “भुजा” कहा जाता है.
बहुभुज संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर यानि “बहु + भुज” से बना है, जिसमे “बहु” का अर्थ “अनेक” एवं “भुज” का अर्थ “भुजा” होता है.
सरल शब्दों में, वैसी आकृति जो तीन या तीन से अधिक भुजाओं या रेखाखंडो से मिलकर बना हो, उसे बहुभुज कहते है. त्रिभुज, चतुर्भुज, पंचभुज, अष्टभुज आदि बहुभुज के अंतर्गत परिभाषित किए जाते है.
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बहुभुज का प्रकार – Types of Polygon in Hindi
गणितज्ञों के अनुसार बहुभुज का प्रकार बहुत है. लेकिन प्रयोग के अनुसार इसे मुख्यतः दो वर्गों में विभाजित किया जाता है. लेकिन आप यहाँ चार प्रकार के बहुभुज के विषय में अध्ययन करेंगे. जो एग्जाम के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है.
- नियमित बहुभुज
- अनियमित बहुभुज
- उत्तल बहुभुज
- अवतल बहुभुज
नियमित बहुभुज
किसी भी बहुभुज के सभी भुजाएँ एवं कोण एक दुसरें से बराबर माप के हो, तो उसे नियमित बहुभुज कहा जाता है. जैसे; वर्ग, समबाहु त्रिभुज आदि.
अनियमित बहुभुज
यदि किसी बहुभुज के सभी भुजाएँ एवं कोण अलग-अलग माप के हो, तो उसे अनियमित बहुभुज कहा जाता है. जैसे; उदाहरण के लिए, विषमबाहू त्रिभुज, आयत, पतंगाकार, आदि.
उत्तल बहुभुज
वैसा बहुभुज जिसके प्रत्येक कोण 180 डिग्री से कम हो, उसे उत्तल बहुभुज कहा जाता है.
अवतल बहुभुज
यदि किसी बहुभुज के एक या एक से अधिक कोणों का माप 180 डिग्री से अधिक हो, तो उसे अवतल बहुभुज कहा जाता है.
Note:
किसी भी बहुभुज में तीन या तीन से अधिक भुजाएँ हो सकते है.
बहुभुज का फार्मूला | Bahubhuj Formula in Hindi
प्रश्न को हल करने के लिए उदेश्य से कुछ महत्वपूर्ण बहुभुज फार्मूला का प्रयोग किया जाता है. जो इस प्रकार है;
1. बहुभुज के कुछ अंतः कोणों का योग = (n – 2) × 180°
2. समबहुभुज के प्रत्येक अंतः कोण = (n – 2) / 2 × 180°
3. समबहुभुज के प्रत्येक बहिष्कोण = 360 / n, (जहाँ n भुजाओं की संख्या है)
4. बहुभुज के कुल बहिष्कोण का योग = 360
5. बहुभुज के विकर्ण की संख्या = n(n – 3)/2
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बहुभुज में भुजाओं की संख्या, विकर्ण, भुजा एवं कोण
बहुभुज, जो अत्यधिक मात्रा में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों द्वारा प्रश्न हल करने के लिए किया जाता है. शिक्षकों के विशेष निर्देश पर यह जानकारी प्रदान किया जा रहा है. जो विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है.
बहुभुज के नाम | भुजाओं की संख्या | विकर्ण की संख्या | आंतरिक कोण |
त्रिभुज | 3 | 0 | 60° |
चतुर्भुज | 4 | 2 | 90° |
पंचभुज | 5 | 5 | 108° |
षट्भुज | 6 | 9 | 120° |
सप्तभुज | 7 | 14 | 128.571° |
अष्टभुज | 8 | 20 | 135° |
नौभुज | 9 | 27 | 140° |
दसभुज | 10 | 35 | 144° |
एकादसभुज | 11 | 44 | 147.273° |
द्वादशभुज | 12 | 54 | 150° |
त्रयोदसभुज | 13 | 65 | 152.308° |
चतुर्दसभुज | 14 | 77 | 154.286° |
पंचदसभुज | 15 | 90 | 156° |
n भुजा | n | n | (n – 2) × 180° / n |
Note: इस टेबल में बहुभुज के आंतरिक कोण की संख्या भी दर्शाया गया है
बहुभुज के गुण
- अलग-अलग बहुभुज में विकर्णों की संख्या अलग होती है.
- समबहुभुज के सभी भुजाएँ एवं कोण समान होते है.
- बहुभुज का कोई भी कोण पूर्ण नही होता है.
- किसी बहुभुज के अंत: कोणों का योगफल, बाह्य कोणों के योगफल से बड़ा होता है.
- त्रिभुज ही एक ऐसा बहुभुज है जिसके अंत: कोणों का योग बाह्य कोणों के योग का आधा होता है.
- Bahubhuj में भुजाओ की संख्या = 360° / प्रत्येक बाह्य कोण
पूछे जाने वाला सामान्य प्रश्न: FAQs
बहुभुज एक 2-आयामी आकृति है जो सीधी रेखाओं से बनी होती है. त्रिभुज, चतुर्भुज, पंचकोण, षट्भुज आदि बहुभुज के उदाहरण हैं.
प्रयोग के अनुसार बहुभुज को दो वर्गों में बांटा गया है. लेकिन चार प्रकार के बहुभुज का अध्ययन करते है, जो इस प्रकार है.
नियमित बहुभुज
अनियमित बहुभुज
उत्तल बहुभुज
अवतल बहुभुज
बहुभुज के भुजाओं की संख्या निकालने के लिए n भुजा = (n – 2) × 180° / n का प्रयोग किया जाता है. क्योंकि, इस फार्मूला के प्रयोग से बहुभुज में भुजाओं की संख्या निकाल सकते है.
Bahubhuj का अर्थ अनेक भुजाओं वाली वैसी आकृति है जिसमे तीन या तीन से अधिक रेखा या रेखाखंड स्थिर हो. सामान्यतः बहुभुज में भुजाओं की संख्या के आधार पर उनका नामकरण किया जाता है. जैसे, त्रिभुज, अष्टभुज, दसभुज आदि.
यहाँ बहुभुज के फार्मूला, परिभाषा एवं गुण विशेष नियमों के आधार पर दिया गया है, जो जल्द स्मरण हो जाता है. उम्मीद है आपको पसंद आएगा और आप इसे स्मरण भी रखेंगे.
Sir bs ek formula aur likh dete, number of triangle in polygon, bhaut acchaa likhe ho sir aap, i was really happy after reading your content, And knowledge, i can not say to you face to face thanks, it’s can’t possible, that’s why Sir, I Wright here. Thank you Very much.
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